सभी श्रोताओं को रविंदर कुमार का नमस्कार
दोस्तों , आने वाली 4 जून 2011 से स्वामी राम देव जी, लाखो देश भक्त लोगों के साथ दिल्ली के राम लीला मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने वाले हैं . इस आन्दोलन का नाम है "भ्रस्टाचार मिटाओ सत्याग्रह"
इस आन्दोलन को शुरू करने के क्या कारण और उद्देश्य है आईए एक हिंदी कविता के द्वारा सरल और रोचक भाषा में समझने की कोशिश करते हैं
तो प्रस्तुत है कविता "आन्दोलन का एजेंडा ?"
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
चार जून को राम देव जी, दिल्ली को ललकारेंगे -२
हम भी बाबा साथ तुम्हारे , लाखों लोग पुकारेंगे
लाखों लोग करेंगे अनशन, ऐसी क्या मज़बूरी है -२
जो नहीं जानते गौर करे , ये मुद्दे बहुत जरुरी है
दुनिया के बाकि देशों में, नहीं चलते नोट हजारी है -२
क्यों भारत में हैं बड़े नोट , भारत की क्या लाचारी है
बड़े नोट ही नकली छपते , छोटे नोटों में घाटा है -२
नकली नोट का देश में आना , अपने मुहं पर चांटा है
भ्रस्टाचारी के घर दफ्तर , रेड जहाँ भी मारी है -२
रजाई , गद्दे , तकियों तक से , निकले नोट हजारी है
बड़े नोट गर बंद किये तो , आतंकी खुद मर जायंगे -२
नकली नोट नहीं होंगे, तो बन्दूक कहाँ से लायेंगे
बड़े नोट बंद करवाना , नहीं मुद्दा कोई निराला है -२
हुआ तीन बार भी पहले , ये फिर से होने वाला है
बड़े नोटों को बंद करो , ये पहली मांग हमारी है -२
पड़ा जो इसकी खातिर मरना , इसकी भी तयारी है
फिर ना समझना बेवकूफ है -२ , जनता भोली भाली है -२
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
आजादी के बाद देश को, नेता इतना लूट गए -२
खादी से विश्वाश के अपने , धागे सारे टूट गए
भ्रष्टाचारी नेता अधिकारी , भारत को खाते जाते हैं
लूट लूट के देश का पैसा , स्विस बैंक पहुंचाते हैं
स्लम डोग हम कहलाते , गिनती होती कंगलो में -२
क्योंकि, 400 लाख करोड़ खा गए नेता , पिछले पैंसठ सालो में
जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती थी बसेरा -२
वहां भूख के कारण एक मिनट में , मरते लोग है तेरह
भूख तोडती लोगों के धरम , धर्य , ईमान को -२
नक्सलवादी बना दिया , भूखे मरते इंसान को
स्विस बैंक में जमा खजाना जब वापस आ जायगा -२
अर्थ व्यवस्था चमकेगी , हर भूखा खाना खायेगा
UN बिल को पास करो , जो काले धन को लायेगा
जब पैसा वापस आ जाएगा , हर गाँव करोडो पायेगा
रुपया आसमान में होगा , कीमत पर इतराएगा
डॉलर उसका होगा चाकर , पैर दबाने आएगा
लोकपाल जनता की लाठी , मारो तो आवाज भी है -२
जाँच सभी की हो चाहे , देश का वो सरताज भी है
लोकपाल कमजोर बने , ये दाळ ना गलने वाली है -२
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
अंग्रेज गए जब भारत से , आजादी हमको सोंप गए
जितने भी क़ानून थे काले , सारे हम पर थोप गए
34735 पुराने कानूनों में से कुछ उदाहरण देखे :-
कहने को आजाद है भारत , पर क़ानून पुराने है
भट्ठा और परसोल के किस्से , सब लोगों ने जाने हैं
IPC और पुलिस एक्ट , और जाने कितने क़ानून यहाँ
भारत माँ के स्वाभिमान का , हर दिन करते खून यहाँ
फसलों की कीमत आज के दिन भी , तय करते अधिकारी है
इनकम टैक्स के भेद समझना , सर दर्द बड़ा ही भारी है
बड़ी कंपनी ठेका लेकर , जंगल के जंगल साफ़ करे
एक पेड भी आप ने काटा , क़ानून कभी ना माफ़ करे
ऐसे हजार क़ानून पुराने , जनता आज भी झेल रही -२
और सरकारें बैठ मजे से , 2 जी 3 जी खेल रही
न्याय नहीं है न्यायालों में , जब भी माँगा तारीख मिली -२
भोपाल कांड एक बड़ा उदाहरण , ना सजा मिली ना सीख मिली
साढ़े तीन सो साल लगेंगे, पैंडिंग केस निपटने में
न्याय व्यवस्था बुरे हाल में, देखा सारे ज़माने ने
क्यों हमे खिलाये जाती है, विकसित देशो की बैन दवा
क्यों नकली दवा के सौदागर , कभी न पाते कोई सजा
क्यों करदाता के खर्चे पर , आतंकी बिरयानी खाते हैं
क्यों उन्हें जवाई बना कर के , हम खुद साले बन जाते हैं
फाँसी का कानून बने, जो कोई भ्रष्टाचार करे -२
मिलावट करने वालों को , और जो कोई बलात्कार करे
ऐसे सख्त कानून बिना , अब बात ना बनने वाली है -२
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
छोटे उद्श्यों में फंस कर , ना जीवन बेकार करो -२
25 करोड़ भूखे हैं हर दिन , उनका थोडा विचार करो
चुपचाप बैठ के अपने घर में , ना सिस्टम पर क्रोध करो
या बाबा के साथ में आओ , या उनका विरोध करो
गर समझो बाबाजी ठीक कहैं
सच भी होकर निर्भीक कहैं
बाबा हम भी साथ तुम्हारे , जब नि`कले मुख से ये बोल -२
टोल फ्री एक नंबर ले लो , कर देना उस पर मिस कोल
अब उठो समर्थन दो उनको , वर्ना देश प्रेम ये जाली है -२
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
वन्दे मातरम || वन्दे मातरम || वन्दे मातरम || वन्दे मातरम || वन्दे मातरम
इस आन्दोलन का समर्थन करने के लिए 022 33 08 11 22 नंबर (टोल फ्री ) पर मिस कॉल करे व्
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दोस्तों , आने वाली 4 जून 2011 से स्वामी राम देव जी, लाखो देश भक्त लोगों के साथ दिल्ली के राम लीला मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने वाले हैं . इस आन्दोलन का नाम है "भ्रस्टाचार मिटाओ सत्याग्रह"
इस आन्दोलन को शुरू करने के क्या कारण और उद्देश्य है आईए एक हिंदी कविता के द्वारा सरल और रोचक भाषा में समझने की कोशिश करते हैं
तो प्रस्तुत है कविता "आन्दोलन का एजेंडा ?"
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
चार जून को राम देव जी, दिल्ली को ललकारेंगे -२
हम भी बाबा साथ तुम्हारे , लाखों लोग पुकारेंगे
लाखों लोग करेंगे अनशन, ऐसी क्या मज़बूरी है -२
जो नहीं जानते गौर करे , ये मुद्दे बहुत जरुरी है
दुनिया के बाकि देशों में, नहीं चलते नोट हजारी है -२
क्यों भारत में हैं बड़े नोट , भारत की क्या लाचारी है
बड़े नोट ही नकली छपते , छोटे नोटों में घाटा है -२
नकली नोट का देश में आना , अपने मुहं पर चांटा है
भ्रस्टाचारी के घर दफ्तर , रेड जहाँ भी मारी है -२
रजाई , गद्दे , तकियों तक से , निकले नोट हजारी है
बड़े नोट गर बंद किये तो , आतंकी खुद मर जायंगे -२
नकली नोट नहीं होंगे, तो बन्दूक कहाँ से लायेंगे
बड़े नोट बंद करवाना , नहीं मुद्दा कोई निराला है -२
हुआ तीन बार भी पहले , ये फिर से होने वाला है
बड़े नोटों को बंद करो , ये पहली मांग हमारी है -२
पड़ा जो इसकी खातिर मरना , इसकी भी तयारी है
फिर ना समझना बेवकूफ है -२ , जनता भोली भाली है -२
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
आजादी के बाद देश को, नेता इतना लूट गए -२
खादी से विश्वाश के अपने , धागे सारे टूट गए
भ्रष्टाचारी नेता अधिकारी , भारत को खाते जाते हैं
लूट लूट के देश का पैसा , स्विस बैंक पहुंचाते हैं
स्लम डोग हम कहलाते , गिनती होती कंगलो में -२
क्योंकि, 400 लाख करोड़ खा गए नेता , पिछले पैंसठ सालो में
जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती थी बसेरा -२
वहां भूख के कारण एक मिनट में , मरते लोग है तेरह
भूख तोडती लोगों के धरम , धर्य , ईमान को -२
नक्सलवादी बना दिया , भूखे मरते इंसान को
स्विस बैंक में जमा खजाना जब वापस आ जायगा -२
अर्थ व्यवस्था चमकेगी , हर भूखा खाना खायेगा
UN बिल को पास करो , जो काले धन को लायेगा
जब पैसा वापस आ जाएगा , हर गाँव करोडो पायेगा
रुपया आसमान में होगा , कीमत पर इतराएगा
डॉलर उसका होगा चाकर , पैर दबाने आएगा
लोकपाल जनता की लाठी , मारो तो आवाज भी है -२
जाँच सभी की हो चाहे , देश का वो सरताज भी है
लोकपाल कमजोर बने , ये दाळ ना गलने वाली है -२
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
अंग्रेज गए जब भारत से , आजादी हमको सोंप गए
जितने भी क़ानून थे काले , सारे हम पर थोप गए
34735 पुराने कानूनों में से कुछ उदाहरण देखे :-
कहने को आजाद है भारत , पर क़ानून पुराने है
भट्ठा और परसोल के किस्से , सब लोगों ने जाने हैं
IPC और पुलिस एक्ट , और जाने कितने क़ानून यहाँ
भारत माँ के स्वाभिमान का , हर दिन करते खून यहाँ
फसलों की कीमत आज के दिन भी , तय करते अधिकारी है
इनकम टैक्स के भेद समझना , सर दर्द बड़ा ही भारी है
बड़ी कंपनी ठेका लेकर , जंगल के जंगल साफ़ करे
एक पेड भी आप ने काटा , क़ानून कभी ना माफ़ करे
ऐसे हजार क़ानून पुराने , जनता आज भी झेल रही -२
और सरकारें बैठ मजे से , 2 जी 3 जी खेल रही
न्याय नहीं है न्यायालों में , जब भी माँगा तारीख मिली -२
भोपाल कांड एक बड़ा उदाहरण , ना सजा मिली ना सीख मिली
साढ़े तीन सो साल लगेंगे, पैंडिंग केस निपटने में
न्याय व्यवस्था बुरे हाल में, देखा सारे ज़माने ने
क्यों हमे खिलाये जाती है, विकसित देशो की बैन दवा
क्यों नकली दवा के सौदागर , कभी न पाते कोई सजा
क्यों करदाता के खर्चे पर , आतंकी बिरयानी खाते हैं
क्यों उन्हें जवाई बना कर के , हम खुद साले बन जाते हैं
फाँसी का कानून बने, जो कोई भ्रष्टाचार करे -२
मिलावट करने वालों को , और जो कोई बलात्कार करे
ऐसे सख्त कानून बिना , अब बात ना बनने वाली है -२
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
छोटे उद्श्यों में फंस कर , ना जीवन बेकार करो -२
25 करोड़ भूखे हैं हर दिन , उनका थोडा विचार करो
चुपचाप बैठ के अपने घर में , ना सिस्टम पर क्रोध करो
या बाबा के साथ में आओ , या उनका विरोध करो
गर समझो बाबाजी ठीक कहैं
सच भी होकर निर्भीक कहैं
बाबा हम भी साथ तुम्हारे , जब नि`कले मुख से ये बोल -२
टोल फ्री एक नंबर ले लो , कर देना उस पर मिस कोल
अब उठो समर्थन दो उनको , वर्ना देश प्रेम ये जाली है -२
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
वन्दे मातरम || वन्दे मातरम || वन्दे मातरम || वन्दे मातरम || वन्दे मातरम
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रचियता - रविन्द्र कुमार [19 मई 2011]visit me at www.SocialServiceFromHome.com
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